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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :200
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2777
आईएसबीएन :0

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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2 भूगोल - सरल प्रश्नोत्तर

अध्याय - 9

सुदूर संवेदन के अनुप्रयोग

(Applications of Remote Sensing)

प्रश्न- भू-विज्ञान के क्षेत्र में सुदूर संवेदन ने किस प्रकार क्रांतिकारी सहयोग प्रदान किया है? विस्तार से समझाइए।

उत्तर -

वर्तमान समय में दो-तीन दशकों में सुदूर संवेदन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। विभिन्न अध्ययन विषयों में इसका प्रयोग तीव्रता से बढ़ा है। यह अध्ययन की एक ऐसी तकनीक बन गई जो शीघ्रता से धरातलीय घटनाओं की सूचनाओं को क्षेत्रीय विस्तार के साथ पुनरावृतिक रूप में देती है जिनके द्वारा किसी समस्या के त्वरित समाधान के लिये कदम उठाये जा सकते हैं। भू-विज्ञान का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है। भू-विज्ञान के क्षेत्र में भी सुदूर संवेदन ने अत्यधिक सहयोग दिया है।

भू-विज्ञान
(Geology)

भू-विज्ञान के अन्तर्गत शैल प्रकारों, संरचनाओं, भू-आकृतियों तथा अन्तः स्थलीय भाग का अध्ययन किया जाता है। खनिजों एवं हाइड्रोकार्बन संसाधनों की खोज एवं विदोहन ने समाज में लोगों के जीवन स्तर को उठाया है। पेट्रोलियम से यातायात साधनों के संचालन के लिये गैस एवं तेल की पूर्ति होती है। चूने का पत्थर सीमेंट एवं चूने के भट्टों को कच्चे माल की पूर्ति करता है। संगमरमर तथा ग्रेनाइट की खानों से भवन निर्माण की सामग्री उपलब्ध होती है। इसी प्रकार कोयले से ऊर्जा बहुमूल्य धातुओं एवं रत्नों से जेवरात तथा तांबा, जिंक तथा कई प्रकार के खनिज विभिन्न उपयोगों में काम आते हैं।

उपरोक्त सभी तथ्यों का प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से भू-विज्ञान से सम्बन्ध है। इसके अलावा सम्भावित आपदाओं जैसे कि ज्लवामुखी, भूकम्प, भूस्खलन आदि अध्ययनों में भू-विज्ञान को सम्मिलित किया जाता है। इसी प्रकार निर्माण एवं इन्जीनियरिंग से सम्बन्धित भू- तकनीक अध्ययनों में भू-विज्ञान एक महत्वपूर्ण कारक है। प्राकृतिक तत्वों का अध्ययन करने से पूर्व सुदूर संवेदन से भू-गर्भिक संरचनाओं का अध्ययन किया जा सकता है। इसके माध्यम से, धरातलीय संरचनाओं चट्टानों की बनावटों, शैल विन्यास आदि के बारे में विश्वसनीय सूचनायें प्राप्त होती हैं, जो स्पैक्ट्रल परावर्तन पर आधारित है। रडार, धरातलीय. उच्चावचन तथा ऊबड़-खाबड़ धरातल की जानकारी प्रस्तुत करता है। सुदूर संवेदन को केवल एक क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रखा जा सकता है। इसका उपयोग खदान क्षेत्रों में पहुंचने के लिये मार्ग योजना बनाने, भू-सुधार प्रबोधन तथा आधार मानचित्रों के निर्माण जिन पर भू-गर्भिक आँकड़ों को अध्यारोपित किया जाता है। संक्षेप में भू-विज्ञान में सुदूर संवेदन के उपयोगों को निम्न प्रकार से दिया गया है-

(1) रेत एवं कंकड़-पत्थरों का विदोहन करना
(2) भू- आपदाओं का मानचित्रण करना
(3) पर्यावरणीय भू-विज्ञान का अध्ययन
(4) भू-गर्भिक मानचित्रण करना
(5) प्राकृतिक एवं सांस्कृतिक घटनाओं का मानचित्रण एवं प्रबोधन करना
(6) हाइड्रोकार्बन की खोज करना
(7) धरातलीय निक्षेपणों का अध्ययन करना
(8) अवसाद मानचित्रण एवं प्रबोधन करना
(9) खनिजों के विदोहन में सहायक

भू-गर्भिक मानचित्रण

वायु फोटो विश्लेषण तथा उपग्रहीय आँकड़ों एवं बिम्बों की सहायता से भू-गर्भिक एवं धरातलीय पदार्थों की पहचान का मूल्यांकन किया जा सकता है। 1940 के पश्चात् वायु फोटोग्राफ का उपयोग भू-गर्भिक मानचित्र के क्षेत्र में अधिक होने लगा है। 1960 के पश्चात् उपग्रहीय आँकड़ों एवं बिम्बों की उपलब्धता से क्षेत्रीय विश्लेषण में सुदूर संवेदन की सराहनीय भूमिका है। वर्तमान समय में भू-गर्भिक अध्ययन के सभी क्षेत्रों में सुदूर संवेदन उत्पादों का उपयोग किया जा रहा है।

भू-गर्भिक मानचित्रों के अन्तर्गत भू-आकारों, शैल प्रकारों तथा शैल संरचनाओं (वलन, भ्रंश, विभंग व रेखीय आकृतियां) का विश्लेषण एवं मानचित्रण किया जाता है जिनका एक-दूसरे से उपयुक्त धरातलीय सम्बन्ध होता है। वायु फोटोचित्रों एवं सुदूर संवेदन प्रतिबिम्बों में धरातलीय आकृतियों की व्याख्या खनिज संसाधनों के सम्भावित क्षेत्रों का पता लगाने में सूचनायें प्रदान करते हैं।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- सुदूर संवेदन से आप क्या समझते हैं? विभिन्न विद्वानों के सुदूर संवेदन के बारे में क्या विचार हैं? स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- भूगोल में सुदूर संवेदन की सार्थकता एवं उपयोगिता पर विस्तृत लेख लिखिए।
  3. प्रश्न- सुदूर संवेदन के अंतर्राष्ट्रीय विकास पर टिप्पणी कीजिए।
  4. प्रश्न- सुदूर संवेदन के भारतीय इतिहास एवं विकास पर प्रकाश डालिए।
  5. प्रश्न- सुदूर संवेदन का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
  6. प्रश्न- सुदूर संवेदन को परिभाषित कीजिए।
  7. प्रश्न- सुदूर संवेदन के लाभ लिखिए।
  8. प्रश्न- सुदूर संवेदन के विषय क्षेत्र पर टिप्पणी लिखिए।
  9. प्रश्न- भारत में सुदूर संवेदन के उपयोग पर संक्षिप्त लेख लिखिए।
  10. प्रश्न- सुदूर संवेदी के प्रकार लिखिए।
  11. प्रश्न- सुदूर संवेदन की प्रक्रियाएँ एवं तत्व क्या हैं? वर्णन कीजिए।
  12. प्रश्न- उपग्रहों की कक्षा (Orbit) एवं उपयोगों के आधार पर वर्गीकरण प्रस्तुत कीजिए।
  13. प्रश्न- भारत के कृत्रिम उपग्रहों के कुछ उदाहरण प्रस्तुत कीजिए।
  14. प्रश्न- कार्य के आधार पर उपग्रहों का विभाजन कीजिए।
  15. प्रश्न- कार्यप्रणाली के आधार पर सुदूर संवेदी उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  16. प्रश्न- अंतर वैश्विक स्थान निर्धारण प्रणाली से आप क्या समझते हैं?
  17. प्रश्न- भारत में उपग्रहों के इतिहास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  18. प्रश्न- भू-स्थाई उपग्रह किसे कहते हैं?
  19. प्रश्न- ध्रुवीय उपग्रह किसे कहते हैं?
  20. प्रश्न- उपग्रह कितने प्रकार के होते हैं?
  21. प्रश्न- सुदूर संवेदन की आधारभूत संकल्पना का वर्णन कीजिए।
  22. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रम के सम्बन्ध में विस्तार से अपने विचार रखिए।
  23. प्रश्न- वायुमण्डलीय प्रकीर्णन को विस्तार से समझाइए।
  24. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय स्पेक्ट्रमी प्रदेश के लक्षण लिखिए।
  25. प्रश्न- ऊर्जा विकिरण सम्बन्धी संकल्पनाओं पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए। ऊर्जा
  26. प्रश्न- स्पेक्ट्रल बैण्ड से आप क्या समझते हैं?
  27. प्रश्न- स्पेक्ट्रल विभेदन के बारे में अपने विचार लिखिए।
  28. प्रश्न- सुदूर संवेदन की विभिन्न अवस्थाओं का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
  29. प्रश्न- सुदूर संवेदन की कार्य प्रणाली को चित्र सहित समझाइये |
  30. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्रकार और अनुप्रयोगों का वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  32. प्रश्न- सुदूर संवेदन के प्लेटफॉर्म से आपका क्या आशय है? प्लेटफॉर्म कितने प्रकार के होते हैं?
  33. प्रश्न- सुदूर संवेदन के वायुमण्डल आधारित प्लेटफॉर्म की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  34. प्रश्न- भू-संसाधन उपग्रहों को विस्तार से समझाइए।
  35. प्रश्न- 'सुदूर संवेदन में प्लेटफार्म' से आप क्या समझते हैं?
  36. प्रश्न- वायुयान आधारित प्लेटफॉर्म उपग्रह के लाभ और कमियों का वर्णन कीजिये।
  37. प्रश्न- विभेदन से आपका क्या आशय है? इसके प्रकारों का भी विस्तृत वर्णन कीजिए।
  38. प्रश्न- फोटोग्राफी संवेदक (स्कैनर ) क्या है? इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- सुदूर संवेदन में उपयोग होने वाले प्रमुख संवेदकों (कैमरों ) का वर्णन कीजिए।
  40. प्रश्न- हवाई फोटोग्राफी की विधियों की व्याख्या कीजिए एवं वायु फोटोचित्रों के प्रकार बताइये।
  41. प्रश्न- प्रकाशीय संवेदक से आप क्या समझते हैं?
  42. प्रश्न- सुदूर संवेदन के संवेदक से आपका क्या आशय है?
  43. प्रश्न- लघुतरंग संवेदक (Microwave sensors) को समझाइये |
  44. प्रश्न- प्रतिबिंब निर्वचन के तत्वों का उदाहरण सहित वर्णन कीजिए।
  45. प्रश्न- सुदूर संवेदन में आँकड़ों से क्या तात्पर्य है?
  46. प्रश्न- उपग्रह से प्राप्त प्रतिबिंबों का निर्वचन किस प्रकार किया जाता है?
  47. प्रश्न- अंकिय बिम्ब प्रणाली का वर्णन कीजिए।
  48. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण से आप क्या समझते हैं? डिजिटल प्रक्रमण प्रणाली को भी समझाइए।
  49. प्रश्न- डिजिटल इमेज प्रक्रमण के तहत इमेज उच्चीकरण तकनीक की विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  50. प्रश्न- बिम्ब वर्गीकरण प्रक्रिया को विस्तार से समझाइए।
  51. प्रश्न- इमेज कितने प्रकार की होती है? समझाइए।
  52. प्रश्न- निरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण और अनिरीक्षणात्मक बिम्ब वर्गीकरण के मध्य अंतर स्पष्ट कीजिए।
  53. प्रश्न- भू-विज्ञान के क्षेत्र में सुदूर संवेदन ने किस प्रकार क्रांतिकारी सहयोग प्रदान किया है? विस्तार से समझाइए।
  54. प्रश्न- समुद्री अध्ययन में सुदूर संवेदन किस प्रकार सहायक है? विस्तृत विवेचना कीजिए।
  55. प्रश्न- वानिकी में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों का विस्तार से वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- कृषि क्षेत्र में सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी की भूमिका का सविस्तार वर्णन कीजिए। साथ ही, भारत में कृषि की निगरानी करने के लिए सुदूर संवेदन प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने हेतु सरकार द्वारा आरम्भ किए गए विभिन्न कार्यक्रमों को भी सूचीबद्ध कीजिए।
  57. प्रश्न- भूगोल में सूदूर संवेदन के अनुप्रयोगों पर टिप्पणी लिखिए।
  58. प्रश्न- मृदा मानचित्रण के क्षेत्र में सुदूर संवेदन के अनुप्रयोगों की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए।
  59. प्रश्न- लघु मापक मानचित्रण और सुदूर संवेदन के मध्य सम्बन्ध स्थापित कीजिए।
  60. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का अर्थ, परिभाषा एवं कार्यक्षेत्र की व्याख्या कीजिए।
  61. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के भौगोलिक उपागम से आपका क्या आशय है? इसके प्रमुख चरणों का भी वर्णन कीजिए।
  62. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के विकास की विवेचना कीजिए।
  63. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली का व्याख्यात्मक वर्णन प्रस्तुत कीजिए।
  64. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के उपयोग क्या हैं? विस्तृत विवरण दीजिए।
  65. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र (GI.S.)से क्या तात्पर्य है?
  66. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  67. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के उद्देश्य बताइये।
  68. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र का कार्य क्या है?
  69. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के प्रकार समझाइये |
  70. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र की अभिकल्पना का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  71. प्रश्न- भौगोलिक सूचना तंत्र के क्या लाभ हैं?
  72. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में उपयोग होने वाले विभिन्न उपकरणों का वर्णन कीजिए।
  73. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में कम्प्यूटर के उपयोग का विस्तृत विवरण प्रस्तुत कीजिए।
  74. प्रश्न- GIS में आँकड़ों के प्रकार एवं संरचना पर प्रकाश डालिये।
  75. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली के सन्दर्भ में कम्प्यूटर की संग्रहण युक्तियों का वर्णन कीजिए।
  76. प्रश्न- आर्क जी०आई०एस० से आप क्या समझते हैं? इसके प्रशिक्षण और लाभ के संबंध में विस्तृत व्याख्या कीजिए।
  77. प्रश्न- भौगोलिक सूचना प्रणाली में प्रयोग होने वाले हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  78. प्रश्न- ERDAS इमेजिन सॉफ्टवेयर की अपने शब्दों में समीक्षा कीजिए।
  79. प्रश्न- QGIS (क्यू०जी०आई०एस०) के संबंध में एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  80. प्रश्न- विश्वस्तरीय सन्दर्भ प्रणाली से आपका क्या आशय है? निर्देशांक प्रणाली के प्रकारों का वर्णन कीजिए।
  81. प्रश्न- डाटा मॉडल अर्थात् आँकड़ा मॉडल से आप क्या समझते हैं? इसके कार्य, संकल्पना और उपागम का वर्णन कीजिए।
  82. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की विवेचना कीजिए। इस मॉडल की क्षमताओं का भी वर्णन कीजिए।
  83. प्रश्न- विक्टर मॉडल की विस्तृत विवेचना कीजिए।
  84. प्रश्न- कार्टोग्राफिक संकेतीकरण त्रिविम आकृति एवं मानचित्र के प्रकार मुद्रण विधि का वर्णन कीजिए।
  85. प्रश्न- रॉस्टर मॉडल की कमियों और लाभ का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  86. प्रश्न- विक्टर मॉडल की कमियों और लाभ के सम्बन्ध में अपने विचार लिखिए।
  87. प्रश्न- रॉस्टर और विक्टर मॉडल के मध्य अन्तर स्पष्ट कीजिए।
  88. प्रश्न- डेटाम पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

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